देवी ही संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना, पालन और संहार करने वाली मूल शक्ति : आचार्य महामंडलेश्वर


देवी भागवत महापुराण कथा के पाँचवें और छठे स्कंध का दिव्य वाचन
अजमेर।
प्रेम प्रकाश आश्रम, चौरसिया वास रोड, वैशाली नगर में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा में रविवार को चौथे दिन कथा व्यास महानिर्वाणी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज ने उपस्थित भक्तों को पंचम और षष्ठम स्कंध का दिव्य रसपान कराया। कथा के दौरान ही रमा शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक हमारी संस्कृति – हमारे संस्कार का विमोचन संपन्न हुआ। वहीं भजन गायिका पुष्पा गौड़ ने सुमधुर भजनों के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय कर दिया और श्रोताओं के हृदय में आध्यात्मिक अनुभूति का संचार किया।
कथा प्रवक्ता एवं सनातन धर्म रक्षा संघ, अजयमेरू राजस्थान के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर जी ने पंचम स्कंध में देवी की अद्भुत शक्ति, माया और सृष्टि की संरचना का गहन विवेचन किया। उन्होंने उपस्थित भक्तों को समझाया कि देवी ही संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना, पालन और संहार करने वाली मूल शक्ति हैं। इस स्कंध में मानव जीवन में धर्म और अधर्म, पुण्य और पाप के नियमों का विस्तृत विवेचन किया गया। आचार्य जी ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल देवी की भक्ति, नामस्मरण और सत्कर्म के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन के मोह-माया और सांसारिक बंधनों से मुक्त हो सकता है और आत्मा की वास्तविक उन्नति प्राप्त कर सकता है।
षष्ठम स्कंध में आचार्य महामंडलेश्वर जी ने भक्ति, प्रायश्चित और जीवन में संयम के महत्व पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मनुष्य चाहे कितने भी दोष करे, यदि अंत समय में देवी का स्मरण करता है और सत्कर्म करता है, तो देवी उसकी रक्षा करती हैं और उसे मोक्ष प्रदान करती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्त्री-पुरुष संबंध, पारिवारिक जीवन और समाज में धर्मपालन केवल देवी के आशीर्वाद और उपासना के माध्यम से ही सही रूप में संभव है। आचार्य जी ने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में भक्ति, सत्संग, सेवा और सत्कर्म को सर्वोच्च स्थान दें, ताकि जीवन में स्थायी सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति संभव हो।
पुस्तक विमोचन
कथा के मध्य अजमेर की प्रमुख लेखिका श्रीमती रमा शर्मा की पुस्तक हमारी संस्कृति – हमारे संस्कार का विमोचन आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज के करकमलों से संपन्न हुआ। आचार्य जी ने इसे सनातन संस्कृति, जीवन मूल्यों और सामाजिक धर्म की समझ के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ बताया। उन्होंने श्रोताओं को पुस्तक का अध्ययन करने और इसे अपने जीवन में अमल में लाने की प्रेरणा दी। इस अवसर ने उपस्थित सभी भक्तों को सनातन संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों के प्रति गहरी श्रद्धा का अनुभव कराते हुए कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा दी।
आयोजन और सहयोग
कार्यक्रम का आयोजन पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मानंद जी महाराज के सानिध्य में तथा साईं राजू राम जी के कुशल निर्देशन में संपन्न हुआ, जिसमें सभी व्यवस्थाएँ सुव्यवस्थित और उत्तम रही। इस अवसर पर देवेंद्र त्रिपाठी, विजय कुमार शर्मा, डॉ. रामनिवास शर्मा, डॉ. कुलदीप शर्मा, एडवोकेट भगवान सिंह, राजकुमार चौरसिया, सरला शर्मा, गायत्री शर्मा, संजू खटीक, अरुणा भास्कर, महावीर कुमावत, राम सिंह उदावत, भजन गायिका पुष्पा गौड़, समाजसेवी बृजेश गौड़, मुकेश गौड़, इंदर सिंह पंवार, अंतरराष्ट्रीय लेखक विनोद शर्मा, साहित्यकार इंदिरा शाहिद सहित अनेक डॉक्टर, लेखक और समाजसेवी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे और कार्यक्रम की सफल व्यवस्था में योगदान दिया।
भजन गायिका पुष्पा गौड़ ने अपनी सुमधुर प्रस्तुति से भक्तों को आध्यात्मिक आनंद और भावविभोर कर देने वाला अनुभव प्रदान किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तों ने आचार्य महामंडलेश्वर जी के प्रवचनों से प्रेरणा प्राप्त की और देवी की भक्ति के महत्व को पुनः अपने हृदय में स्थान दिया।

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